ज़िंदगी एक रण है,
मैं एक प्यादा,
मुसीबतों के पहाड़ पर मैं
हूँ चड़ता जाता!
लक्ष्य विजय का
कभी नज़र ना आता
कभी लगता है की
कृष्ण की तरह काश मैं भी
रणछोड़ बन पाता!
ज़िंदगी एक रण है,
मैं एक प्यादा,
क्षण क्षण इस रण को,
मैं हूँ लड़ता जाता,
इस रण का कहाँ है अंत
काश नज़र आ जाता
कृष्ण की तरह काश मैं भी
रणछोड़ बन पाता!
मैं एक प्यादा,
मुसीबतों के पहाड़ पर मैं
हूँ चड़ता जाता!
लक्ष्य विजय का
कभी नज़र ना आता
कभी लगता है की
कृष्ण की तरह काश मैं भी
रणछोड़ बन पाता!
ज़िंदगी एक रण है,
मैं एक प्यादा,
क्षण क्षण इस रण को,
मैं हूँ लड़ता जाता,
इस रण का कहाँ है अंत
काश नज़र आ जाता
कृष्ण की तरह काश मैं भी
रणछोड़ बन पाता!
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