17 Dec 2016

रायता!

जिसने भी करा है,
कतई घटिया डिश ईजाद करा है,
जब देखो तब फैल जाता है,
रायता ये रायता!

दिन रात ये फैलता है,
और दिन रात इसको समेटना पड़ता है,
जब तक यहाँ का समेटो,
तब तक कहीं और फैल जाता है,
रायता ये रायता!

कौन समेटेगा इसको?
क्या आपको पता है?
जिसने ये फैलाया है,
उसको ना खबर है, ना हवा है!
रायता ये रायता!

कभी हमसे भी ग़लती हो जाती है,
और फैल जाता है,
रायता ये रायता!
कोई समेटता होगा हमारे पीछे भी
रायता ये रायता!

हम सभी एक जुट हो जाना चाहिए,
इस विश्व की भलाई में,
और साथ मिलकर हम कोशिश करते है
की ना फैले ये रायता!
रायता ये रायता!

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