18 Jun 2010

तन्हाई

इक तन्हा तन्हा सा मैं,
इक अलग अलग सा मैं,
इक अकेला अकेला सा मैं,
एक गुमनाम बदनाम सा मैं,
हर कहीं दुत्कार दिया जाता हूँ,
फिर क्यूँ दूसरों के पास जाता हूँ,
मुझसे दोस्ती करो, मेरे साथ रहो, 
लेकिन कौन सुनता है मेरी बात,
और इस तरह
एक तन्हा तन्हा सा मैं, 
और तन्हा हो जाता हूँ,
और तन्हा हो जाता हूँ |

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